क्या “Sanju Samsung” जानबूझकर इस भारतीय खिलाड़ी को IPL 2024 में नहीं दे रहे मौके? हुआ बड़ाखुला

इस वक्त आईपीएल 2024 सीजन चल रहा है और इसमें खेल रहे कई खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर खास नजरें हैं क्योंकि इस टूर्नामेंट के ठीक बाद टी20 वर्ल्ड कप 2024 शुरू हो जाएगा. टीम इंडिया के लिहाज से भी कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने हाल पिछले एक साल के अंदर आईपीएल से लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट तक में डेब्यू किया और प्रभावित किया.

युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ध्रुव जुरेल इनमें से ही एक हैं, जिनको टी20 वर्ल्ड कप के लिए कीपर-बल्लेबाज (फिनिशर) के रोल का दावेदार माना जा रहा है लेकिन मौजूदा आईपीएल सीजन में उनका ज्यादा जलवा नहीं दिखा है और अचानक ये आरोप लगने लगे हैं कि राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन जानबूझकर उन्हें मौके नहीं दे रहे हैं. अब सवाल ये है कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है?

ध्रुव जुरेल ने पिछले आईपीएल सीजन में इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर उतरकर छोटी लेकिन तेज पारियों से अपनी पहचान बनाई थी. उत्तर प्रदेश के इस विकेटकीपर बल्लेबाज को फरवरी-मार्च में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कीपर के तौर पर उतारा गया था, जहां वो चौथे टेस्ट के स्टार साबित हुए थे. उसके बाद से ही आईपीएल और फिर टी20 वर्ल्ड कप में हर कोई उन्हें देखने के लिए उत्सुक था लेकिन अभी तक वो ज्यादा नजर नहीं आए हैं.

क्यों लग रहे सैमसन पर आरोप?

तो क्या इसकी वजह संजू सैमसन हैं? सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि ऐसे आरोप क्यों लग रहे हैं? सोशल मीडिया पर कई यूजर्स संजू सैमसन को निशाने पर ले रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि संजू टी20 वर्ल्ड कप के लिए अपनी जगह पक्की करना चाहते हैं और उनके लिए ध्रुव से कम्पटीशन है. असल में दोनों ही खिलाड़ी विकेटकीपर-बल्लेबाज और फिनिशर के तौर पर टीम इंडिया में जगह पा सकते हैं. ऐसे में दोनों का एक ही जगह के लिए कम्पटीशन होने की बात में दम तो है.

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तो क्या वाकई संजू इसी वजह से ध्रुव जुरेल को ज्यादा मौके नहीं दे रहे? क्या वाकई वो अपनी जगह पक्की करने के लिए ऐसा कुछ कर रहे हैं? राजस्थान ने इस सीजन में अभी तक 5 मैच खेले हैं और पांचों में ध्रुव प्लेइंग 11 का हिस्सा रहे हैं लेकिन कीपिंग हर बार सैमसन ने की है. लेकिन ये कोई नई बात नहीं है. जॉस बटलर जैसे दिग्गज कीपर के होने के बावजूद सैमसन ही ये जिम्मेदारी संभालते हैं क्योंकि उन्हें गेम को समझने में मदद मिलती है.

क्या वाकई जुरेल को नहीं मिल रहे मौके?

अब बात बैटिंग की. सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि बैटिंग ऑर्डर सिर्फ कप्तान तय नहीं करता, बल्कि हेड कोच भी तय करते हैं. ऐसे में जुरेल कब बैटिंग करेंगे, ये अकेले सैमसन का फैसला नहीं है. जुरेल को इन 5 में से 3 पारियों में बैटिंग का अवसर मिला है, जिसमें उनके स्कोर 20 (12 गेंद), 20 (12 गेंद) और 2 (3 गेंद) रहे हैं. मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के खिलाफ उनकी बैटिंग नहीं आई. असल में सवाल उन दो मैचों के कारण खड़े हुए, जिसमें टीम के शुरुआती विकेट जल्दी गिरने के बावजूद जुरेल की जगह रविचंद्रन अश्विन को पांचवें नंबर पर प्रमोट किया गया. इसमें से दिल्ली के खिलाफ तो जुरेल की बैटिंग फिर भी आई और उन्होंने 20 रन बनाए लेकिन मुंबई के खिलाफ मौका नहीं मिला और उनसे भी पहले शुभम दुबे को भेज दिया गया.

लेकिन जुरेल के साथ ऐसा किये जाने की वजह क्या है? असल में राजस्थान की टीम अपने बैटिंग ऑर्डर में तय रोल के हिसाब से ही बल्लेबाजों को उतार रही है और इसमें जुरेल की भूमिका एक फिनिशर की है, जो आखिरी के ओवरों में आकर तेजी से बैटिंग कर सके. टीम इंडिया में भी जुरेल के लिए यही एक भूमिका है. अब अगर ये तर्क भी दिया जाए कि जुरेल को अश्विन से पहले भेजा जाना चाहिए था तो उसकी वजह अश्विन का दबाव को झेलने की काबिलियत है, जो उन्होंने दिल्ली और मुंबई के खिलाफ बखूबी किया.

जुरेल ने उठाया मौके का फायदा?

इसके उलट दिल्ली के खिलाफ 14वें ओवर में बैटिंग के लिए आकर भी ध्रुव 18वें ओवर में आउट हो गए थे, जबकि RCB के खिलाफ चेज करते हुए जब 26 गेंदों में 29 रन की जरूरत थी तो क्रीज पर आए जुरेल सिर्फ 3 गेंदों के अंदर आउट हो गए. यानी इससे साफ है कि जुरेल तेजी से रन बनाने में तो सक्षम हैं लेकिन जब भी उन्हें लंबी पारी खेलने का मौका मिला तो वो उसमें फिलहाल नाकाम रहे. यानी आखिरी ओवरों में फिनिशर का जो रोल उन्हें मिला है, उसके हिसाब से ही जुरेल का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसमें किसी भी तरह से उन्हें रोकने की साजिश के आरोप बेदम ही दिखते हैं.

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